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गेहूं कटाई के पश्चात किसान गन्ने की खेती के लिए गन्ने की इन दो किस्मों से ले अधिक पैदावार, जाने गन्ने की किस्म

ग्रीष्मकालीन ऋतु में गन्ने (Sugarcane) की इन दो किस्म (Varieties) की खेती से अधिक पैदावार किसान इस समय रबी फसल की कटाई में लगे हुए हैं। इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि गन्ने की खेती किस वैरायटी से अधिक पैदावार ली जा सकती है।

किसान इस समय रबी की फसल सरसों, गेहूं सहित अन्य फसलों की कटाई का कार्य कर रहे हैं। फसल निकालने के पश्चात किसान करने की खेती का कार्य करने में लग जाएंगे। बुआई के समय गन्ने की खेती करने के लिए भी कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। गन्ने की फसल नगदी फसल मानी जाती है।

देशभर की अलग-अलग क्षेत्र में गन्ने की खेती की जाती है। बता दे की महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश में बड़े क्षेत्र पर यह खेती की जाती है। कृषि सलाहकारों के अनुसार अप्रैल महीने में भी गेहूं की कटाई के पश्चात फसल की बुवाई की जा सकती है। ग्रीष्मकालीन ऋतु के समय प्रदेश के उत्तराखंड पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अप्रैल व में महीने के दौरान बुवाई की जाती है।

ग्रीष्मकालीन गन्ने की किस्म

गन्ने की की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली किस्म होना अति आवश्यक है। अगर आप भी हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश वाले क्षेत्र में गन्ने की खेती करना चाहते हैं तो आप प्रमुख दो किस्में COH-35 व COH37 को लगा सकते हैं। यदि आपने गन्ना पहले लगाया हुआ है तो सिंचाई व गुड़ाई का कार्य आवश्यकता अनुसार करते रहे।

 

फसल आवश्यकतानुसार न्यूट्रेंट

यदि आप गन्ने का बीज लेते हैं तो सिंचाई व गुड़ाई के साथ यह ध्यान रखना अति आवश्यक है कि गन्ने के बीज में 5 से 7 दिन पहले सिंचाई की होनी चाहिए। फरवरी महीने के दौरान लगा गन्ना में 1/3 नाइट्रोजन व अप्रैल महीने में एक बोरा यूरीया डालनी चाहिए। जहां जगह खाली पड़ी है उनमें पोरिया उगाये।

गन्ने के बीज की मात्रा व बुआई

गन्ने की खेती एक लंबे समय में तैयार होने वाली फसल है। इसके लिए खेतों को बुआई से पहले समतल करना जरूरी है। गन्ने की फसल दो से तीन वर्षों तक रख सकते हैं। मिट्टी की उर्वरता शक्ति को बढ़ाने के लिए आप कम समय वाली फैसले उड़द, मूंग को गन्ने की दो पंक्तियों के बीच बो सकते हैं। गन्ने के बीच पर्याप्त मात्रा 5 से 6 टन होनी चाहिए।

गन्ने की बुवाई के लिए तीन आंख वाले 35 से 40 हजार टुकड़ों की जरूरत पड़ती हैं। गन्ने की बुवाई के समय केवल आप पांच श्रमिकों की मदद से एक हेक्टर की बुवाई कर सकते हैं। बुआई से पहले हल द्वारा 10 से 15 सेंटीमीटर गहरी खुदाई करके बोना चाहिए। गन्ने की पंक्ति की दूरी क्षेत्र से 90 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। प्लांटर के द्वारा एक दिन में पांच मजदूर एक हेक्टेयर की बुवाई कर सकते हैं।

 

बुआई से पहले बीज उपचार

गन्ने की फसल बुवाई से पहले बीज उपचार करना जरूरी है। अधिक पैदावार के लिए गन्ने के बीज को बुआई से पहले 15 मिनट तक 0.2% से उपचार करने से समट रोग होने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा 6% पारायुक्त ऐमीसान या मेंकाजैब 0.25% के 100 लीटर घोल में 4 से 5 मिनट तक भिगोकर लगा सकते हैं।

उर्वरक की मात्रा

बीज उपचार के साथ-साथ उर्वरक की सही मात्रा देने से भी अधिक पैदावार ली जा सकती है। उर्वरक की मात्रा मिट्टी की जांच करवा कर डालनी चाहिए। नाइट्रोजन की मात्रा गाने की फसल में पड़ती हेक्टेयर 150 से 180 किलोग्राम देनी चाहिए। फास्फोरस की मात्रा 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर व पोटाश 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर डालनी चाहिए।

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Conclusion:- किसान भाइयों इसलिए के माध्यम से हमने जाना की गाने की खेती के लिए गन्ने की उपयुक्त किस्म कौन सी लगाये। अधिक जानकारी के लिए आप कृषि विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। बुआई से पहले अपने खेत की मिट्टी के अनुसार फसल का चयन करें।

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